रूस और फ्रांस की क्रांतियाँ

 रूस और फ्रांस की क्रांतियाँ

रूस और फ्रांस की क्रांतियाँ, इतिहास के पन्नों पर चमकती हैं, और इन्होंने दुनिया को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया। ये दोनों क्रांतियाँ सोशल, पॉलिटिकल, और कल्चरल परिवर्तनों के प्रतीक बनीं और विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाएं थीं।

रूस क्रांति (1917)

रूस क्रांति, 1917 में शुरू होकर रूसी साम्राज्य को पूरी तरह से बदल दिया। इस क्रांति के पीछे कई कारण थे, जैसे कि श्रमिकों और किसानों की उत्पीड़न, और पहले के सरकार की असमर्थता। रूस क्रांति की प्रमुख घटना उसके प्रमुख नेता व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में हुई थी, जिन्होंने बोल्शेविक पार्टी की साहित्य को अपनाया और शक्ति का कब्जा किया।

यह क्रांति सोशलिस्ट प्रणाली की एक प्रकार की विजय थी, जिसमें सामाजिक समानता की प्राथमिकता दी गई थी। लेनिन और उनके साथी ने रूस के शासक निकोलाई द्वितीय को गिर


कर सत्ता में आए और साम्राज्यवाद को समाप्त किया। इसके परिणामस्वरूप, सोवियत संघ का गठन हुआ, जो एक सोशलिस्ट राष्ट्र की योजना के साथ चलाया गया।

रूस क्रांति ने विश्व इतिहास को दो बड़ी बदलावों का साक्षात्कार कराया - पहला, सोशलिस्ट आधारित राजनीति का उदय हुआ और दूसरा, एक सामरिक ब्लॉक की गठन की आवश्यकता को प्रमोट किया। इसके परिणामस्वरूप, सोवियत संघ अमेरिका के साथ एक ठठुस युद्ध की स्थिति में चला गया, जिसे "सुपरपॉवर क्रांच" कहा जाता है।

फ्रांस क्रांति (1789)

फ्रांस क्रांति, 1789 में शुरू होकर फ्रांसी साम्राज्य को परिवर्तित कर दिया और सामाजिक सरकार की उपस्थिति को स्थायी रूप से खत्म किया। इस क्रांति के पीछे कई कारण थे, जैसे कि वित्तीय संकट, भूमि संप्रदायता, और राजशाही सत्ता के अत्यधिक प्रयोग।

फ्रांस क्रांति की प्रमुख घटना थी बस्तील किला का ध्वस्त होना, जिसे 14 जुलाई, 1789 को हुआ था। इसके परिणामस्वरूप, संसद की सदस्यता में सामाजिक समानता को प्रमुख रूप से मान्यता दी गई और फ्रांसी साम्राज्य की संरचना को पुनर्निर्माण किया गया।

फ्रांस क्रांति ने फ्रांस के साथ ही पूरे विश्व को प्रभावित किया, क्योंकि यह क्रांति सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों के प्रतीक बनी और विश्व इतिहास के संरचनात्मक परिवर्तनों का मार्गदर्शन किया।

समापन

रूस और फ्रांस की क्रांतियाँ दुनिया इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाएं थीं, जिन्होंने समाज, राजनीति, और संस्कृति के कई पहलुओं में परिवर्तन किया। इन क्रांतियों के परिणामस्वरूप, नए आदर्शों का पुनर्निर्माण हुआ और विश्व के स्थायिता में परिवर्तन आया। इन क्रांतियों का प्रभाव आज भी दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है और ये हमें यह सिखाते हैं कि जनता की आवाज और सामाजिक समानता की महत्वपूर्ण होनी चाहिए।



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